
आषाढ़ में पहाड़-8
अगले दिन यानी ‘सिर-खुरी’ की सुबह से ही आंगन में महिलाएं बहुत बड़े घेरे में झूमते हुए भ्वैंनी गा रही थीं। उनमें …
अगले दिन यानी ‘सिर-खुरी’ की सुबह से ही आंगन में महिलाएं बहुत बड़े घेरे में झूमते हुए भ्वैंनी गा रही थीं। उनमें …
पीछे-पीछे डंगरिए और लोगों की लंबी कतार और उनका जयकारा…लोहाखाम देवता की जै! गुरु गोरखनाथ की जै! भगवती मइया की जै! गांव …