
2050 की दुनिया
इक्कीसवीं सदी के मध्यकाल में खड़ा हूं। चकित होकर देख रहा हूं चारों तरफ कि कितनी बदल गई है यह दुनिया! …
इक्कीसवीं सदी के मध्यकाल में खड़ा हूं। चकित होकर देख रहा हूं चारों तरफ कि कितनी बदल गई है यह दुनिया! …
यह खबर पढ़ कर मैं हैरान रह गया था कि जर्मनी के वैज्ञानिक डा. एल्मर बुकनर और उनके सहयोगी वैज्ञानिकों ने धातु …
बालकनी में बिटिया की बगिया का नौ-बजिया खतरे में है। और, खतरा भी किससे? सीधे-सादे कबूतर से! पहले पता नहीं था कि …
हमारे मुल्क के मशरिकी हिस्से में एक खूबसूरत सूबा है- अरूणाचल प्रदेश। मशरिकी हिस्से में होने की वजह से सूरज अपनी रोशनी …
12 मार्च 2010 घर कब बसाएंगी गौरेया मेरी आगे की बालकनी में रोज सुबह गौरेयां चहचहाती हैं। सुना है इनका चहचहाना शुभ …
ये ‘रेन ट्री’ हैं। इन्हें हिंदी, मराठी, बांगला भाषा में विलायती सिरिस कहा जाता है। मैंने रेन ट्री के खूबसूरत पेड़ कुछ …
पहले तक मशरूम मेरे लिए केवल कुकुरमुत्ता था जिसे पहाड़ के मेरे गांव में च्यूं कहते थे। वहां जंगलों में बरसात के …
ऋतु वसंत आ गई है। प्यूली के वसंती फूल खिल कर उसके आने की खबर दे रहे हैं। कहीं-कहीं सुर्ख बुरांश भी …
मौसमे-बहार की खबर पाकर लौट आई हैं बुलबुलें। इन दिनों अलस्सुबह सन्नाटे में दो-एक बुलबुलों की चहक से नींद खुल …
विज्ञान और साहित्य विषय सुना तो मन प्रसन्न हो गया। फोन पर बिड़ला महाविद्यालय, मुंबई के डा. श्यामसुंदर पाण्डेय थे। कह रहे …