
दिल्ली से तुंगनाथ वाया नागनाथ-5
सुबह के केवल 7-30 बजे थे। हमने गाड़ी में से ही गलबहियां भरतीं पिंडर और अलकनंदा को देखा। बाजार में पूछ कर …
सुबह के केवल 7-30 बजे थे। हमने गाड़ी में से ही गलबहियां भरतीं पिंडर और अलकनंदा को देखा। बाजार में पूछ कर …
ऊपर छत के आरपार बरामदे में पत्तलें बिछा कर पतिया अतिथियों को खाना परोस रहा था। एक बार के अतिथि खा कर …